ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अभियान को मुस्लिम महिलाओं का जोरदार समर्थन मिल रहा है। जिससे माना जा रहा है कि मुस्लिम महिलाएं भी तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार से इत्तेफाक रखती हैं और इसमें बदलाव चाहती हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने तीन तलाक के मुद्दे पर एक हस्ताक्षर अभियान चलाया। बता दें कि इस अभियान को दस लाख से ज्यादा मुस्लिम लोगों ने समर्थन किया। समर्थन करने वालों में अधिकतर मुस्लिम महिलाएं थी। इसके बाद से माना जा रहा है कि मुस्लिम महिलाएं भी तीन तलाक के कानून में बदलाव चाहती हैं और इस मामले में भाजपा का समर्थन करती हैं।
महिलाओं की हितैषी बनी भाजपा
बीजेपी भी इस बात को मान रही है कि यूपी में जीत के लिए पार्टी को प्रचंड बहुमत दिलाने में मुस्लिम वोटों की अहम भूमिका रही है। महिला सशक्तीकरण के इस युग में महिलाओं ने अपना हित देखकर वोट किया। ट्रिपल तलाक का मुद्दा उठाकर बीजेपी मुस्लिम महिलाओं की हितैषी बन गई और सत्ता तक पहुंच गई। इलाहाबाद वेस्ट से नए निर्वाचित विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पार्टी द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने महिलाओं को काफी प्रभावित किया है, जिसमें उज्जवल योजना जिसके तहत गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए गए और स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनवाना शामिल हैं।
देश में बदलाव आ रहा है
वहीं एमआरएम के राष्ट्रीय समन्वयक मोहम्मद अफजल ने सिग्नेचर कैंपेन का समर्थन करते हुए कहा कि देश में बदलाव आ रहा है। महिलाएं अपनी आजादी के प्रति जागरुक हो रही हैं। सरकार उनकी दबी हुई आवाज को उठाए इसलिए समर्थन मिल रहा है। देश के प्रति प्रेम की भावना को बताते हुए अफजल ने सैफुल्ला का उदाहरण देते हुए कहा कि आतंकी के मारे जाने पर भी पिता ने बेटे के शव को लेने से इसलिए इंकार कर दिया, क्योंकि वे देश के हित में गलत काम कर रहा था। वहीं आफरीन के गाने के खिलाफ जारी फतवे का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इस बात को धर्म से जोडऩा सही नहीं है।