कोटेश्वर बांध प्रभावितों को जल्द मिलेगा मुआवजा, 415 परिवारों का होगा विस्थापन
कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा कक्ष में कोटेश्वर बांध प्रभावित विस्थापितों की समस्या के सन्दर्भ में बैठक हुई। सन 1990 से 95 के दशक में टीएचडीसी भूमि पर प्रभावितों ने 36 दुकानों का निर्माण किया था। विभिन्न बैठकों में निर्धारित हुआ था कि इन दुकानों का विस्थापन नहीं हो सकता है।
बांध प्रभावितों ने की क्षतिपूर्ति का मांग
बांध प्रभावितों लोगों की मांग है कि उन्हें दुकान के निर्माण लागत की क्षतिपूर्ति दी जाय। बैठक में प्रभावितों ने कहा कि टीएचडीसी ने विभिन्न बैठकों में यह स्वीकार किया कि जिस समय यह दुकान नियमित हो रही थी उस समय न तो टीएचडीसी को और न ही प्रभावितों को पता था कि इस भूमि का अधिग्रहण टीएचडीसी ने कर लिया है।
जल्द मामलों के निस्तारण के दिए निर्देश
बांध प्रभावितों के इस प्रकरण में सकारात्मक रूख दिखाते हुए मंत्री ने समन्वय समिति की बैठक में प्रकरण के जल्द निस्तारण का निर्देश दिया। इसके अतरिक्त सुबोध उनियाल ने 50 ग्रामों, नन्द ग्राम, शीला उप्पू, पीपोला, रौला कोट सहित अन्य ग्रामों के 415 परिवारों के विस्थापन का प्रकरण भी जल्द निस्तारित करने के लिए कहा।
कृषि मंत्री ने बांध से प्रभावितों के नुकसान का निरीक्षण संयुक्त विशेषज्ञ टीम द्वारा किये जाने वाले निरीक्षण की आवृत्ति में वृद्धि करने का भी निर्देश दिया।
कृषि मंत्री ने बांध से प्रभावितों के नुकसान का निरीक्षण संयुक्त विशेषज्ञ टीम द्वारा किये जाने वाले निरीक्षण की आवृत्ति में वृद्धि करने का भी निर्देश दिया।
सौटियाल ग्राम में लगाये गये टावर को लेकर भी दिए निर्देश
सुबोध उनियाल ने कहा की पावर ग्रिड कारपोरेशन द्वारा सौटियाल ग्राम में लगाये गये टावर से होने वाले नुकसान पर नियंत्रण किया जाय। इसके पूर्व टावर के करंट से कई लोगों को नुकसान हो चुका है। उन्होने इसके लिए जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये।
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