बता दें 35 ब्रह्मचारिणी और 50 ब्रह्मचारी सन्यास दीक्षा के लिए चयनित किये गए हैं। जिन्हें योग गुरू स्वामी रामदेव ने खुद चुना है। इनकी बाकायदा परीक्षा ली गई और स्वामी रामदेव ने इनसे चारों वेदों के बारे में सवाल-जवाब किए। इन ब्रह्मचारियों और ब्रह्मचारिणियों को कठिन उपवास भी करना पड़ा।
गौरतलब है कि पहले चरण में चयनित ब्रह्मचारी और ब्रह्मचारिणियों को 25 मार्च को राम-नवमी के दिन स्वामी रामदेव खुद संन्यास की दीक्षाा देंगे। पहली बार स्वामी रामदेव किसी को संन्यास की दीक्षा दे रहे हैं।
बताया जा रहा है कि स्वामी रामदेव ने राम-नवमी के दिन ही संन्यास लिया था। इसलिए उनके लिए यह दिन बेहद अहम है। स्वामी रामदेव हजारों की संख्या में संन्यासियों की फौज खड़ी करना चाहते हैं।
रामदेव का लक्ष्य भारत को विश्व गुरू बनाना
सूत्रों के अनुसार साल 2020 में पतंजलि योगपीठ के 25 वर्ष पूरे होने पर एक हजार ब्रह्मचारियों और ब्रह्मचारिणियों को दूसरे चरण में दीक्षा दी जाएगी। साल 2050 तक स्वामी रामदेव का लक्ष्य भारत को विश्व गुरू बनाना है। इन संन्यासियों की फौज के दम पर स्वामी रामदेव भारत को फिर से पूरी दुनिया में विश्वगुरू का दर्जा दिलवाना चाहते हैं। आने वाले आठ-दस सालों में पतंजलि योगपीठ के संन्यासियों की तादाद 50 हजार तक पहुंच सकती है।
पढ़े-लिखे नौजवान ले रहे हैं संन्यास
ये बात भी सामने आई है कि इन संन्यासियों में उच्च शिक्षा प्राप्त संन्यासी भी शामिल हैं। 25 मार्च को राम-नवमी के दिन इसकी शुरुआत करते हुए ब्रह्मचारी और ब्रह्मचारिणी संन्यास की दीक्षा लेंगे। इनमें कई इंजीनियरिंग, एमबीए पास भी हैं। ये अपना सौभाग्य मानते हैं कि उन्हें स्वामी रामदेव जैसे एक महान संन्यासी और साधक से संन्यास दीक्षा लेने का अवसर मिला है।
जोर-शोर से की जा रही है संन्यास दीक्षा समारोह की तैयारियां
संन्यास दीक्षा समारोह की तैयारियां पतंजलि योगपीठ फेज-2 में जोर शोर से चल रही है। इन संन्यासियों के लिए आचार्यकूलम और संत कुटीर के बीच में तीन एकड़ जमीन में फूंस की 87 कुटिया बनाई जा रही है। जिसे ऋषि कुटीर का नाम दिया गया है। इन कुटियों में नव संन्यासी और संन्यासिनी रहेंगी। अन्य दो कुटियों में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण रहेंगे। इन संन्यासियों के साथ फूस की कुटिया में रहकर स्वामी रामदेव कठोर साधना करेंगे। संतों की इस नगरी में एक बड़ी यज्ञशाला भी तैयार की जा रही है। जिसमें राम-नवमी के दिन चतुर्वेद प्रायण महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।